आकाशवाणी लखनऊ में वरिष्ठ संगीत संयोजक पद पर कार्यरत आकाशवाणी के टाप ग्रेड कलाकार उस्ताद युगांतर सिंदूर के विख्यात कवि पिता प्रोफेसर रामस्वरूप सिंदूर की स्मृति में हर वर्ष दिया जाने वाला सम्मान समारोह 13अक्टूबर( कल) की शाम लखनऊ में अत्यंत भव्य रुप से सम्पन्न हुआ।मुख्य अतिथि लखनऊ की मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया थीं।मुख्य अतिथि के हाथों से यह सम्मान प्राप्त करने वाले शायर प्रोफेसर शारिब रुदौलवी और कवि डा.शिव ओम अम्बर हैं।इस अवसर पर एक भव्य कवि सम्मेलन और मुशायरा भी सम्पन्न हुआ ।देर रात तक चले इस आयोजन में लखनऊ की ढेर सारी साहित्यिक और राजनीतिक विभूतियां उपस्थित थीं।समारोह के अंत में उस्ताद युगांतर सिंदूर ने सभी का आभार व्यक्त किया।
पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ कवि डा.शिव ओम अम्बर की इन पंक्तियों पर श्रोताओं की ख़ूब दाद मिली-
"रो रो मरने से क्या होगा, हंसकर और जियो ।
वृद्ध क्षणों को बाहुपाश में कसकर और जियो ।"
तो उधर अनेक शायरों ने प्रोफेसर सिंदूर की इन कालजयी पंक्तियों का बार बार उद्धरण दिया -
"मैं अरुण अभियान के अंतिम चरण में हूं,
मैं प्रणय से प्रणव के हस्तांतरण में हूं।"
शायर जनाब मंजर भोपाली,कैसर ख़ालिद,डा.पापुलर मेरठी,ताहिर फ़राज,मोईन शादाब और श्वेता भारद्वाज आदि को भी सराहा गया ।गंगा जमुनी कवि सम्मेलन , मुशायरे का संचालन मोईन शादाब ने किया और समारोह की सम्मोहक शैली में उदघोषणाएं जितेश ने कीं।डा.सीमा भारद्वाज के संगीत निर्देशन में युवा कलाकारों ने सरस्वती वंदना और राष्ट्र गान गाकर समारोह को भव्यता प्रदान किया।
द्वारा योगदान- श्री प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी.darshgrandpa@gmail.com