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रचना : "ज़रा याद करो.". लौह पुरुष पर केन्द्रित श्री प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी की काव्य रचना !

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ज़रा याद करो , ज़रा याद करो !

याद करो उस महापुरुष को, और उनके सत्कार्य को, लौह पुरुष उप नाम से पूजित, वल्लभभाई सरदार को |

ज़रा याद करो , ज़रा याद करो .....।

इक्तीस अक्टूबर सन , अठारह सौ पचहत्तर में , लाड़ो - झबेर के कुल में , इस शिशु ने था अवतार लिया | “वल्लभ “ जिनका नाम पड़ा , और “पटेल” था कुल नाम , गुजराती पावन मिट्टी ने फिर , भारत माँ को किया सलाम || बचपन से अंतिम दिन तक जिसने, सहा न अत्याचार को , सत्यनिष्ठ श्रद्धा से पूरा करता , हरदम अपने कार्य को | ज़रा याद करो , जरा याद करो .... ..।

“बापू” के सत्याग्रह मन्त्र ने , जादू जैसा काम किया ,

“बारडोली” सत्याग्रह में , इस युवा ने अपना नाम किया |

“बापू” खुश हो बोले , ” वल्लभ” को ज्वाला में तपना है ,

और कुंदन बन कर अखंड भारत , स्वप्न को पूरा करना है |

कूद पड़े,...हाँ. कूद पड़े, कूद पड़े तपती ज्वाला में नाम मिला “ सरदार “ को , शान्ति- अहिंसा,सत्याग्रह का सूत्र मिला संसार को ||जरा याद करो , ज़रा याद करो..... ।। “बोरसद “ हो या “खेड़ा” का , सत्याग्रह उनका रंग लाया , बापू के सरदार नें यारों , असली अपना रंग जमाया |नमक सत्याग्रह की चौमासी , त्याग- तपस्या ने, नेहरू - बापू कोटि में उनका मान बढाया || देश हुआ आज़ाद, चुनौती नई मिली सरदार को गृहमंत्री के रूप में जिनने बदली देश की धार को ||ज़रा याद करो , ज़रा याद करो ......।। राज घराने कुछ ऐसे थे, जिनका राग अलग था , देश को खंडित करने का कुटिल स्वप्न उनका था |एक राष्ट्र और एक ध्वजा का कठिन काम था , पूरा करने खातिर बस “सरदार “ का नाम था || राजे रजवाड़ों से मिलजुल , पूर्ण किया इस काम को खंड -खंड बंटते भारत को रोका इस “सरदार “ ने || ज़रा याद करो , ज़रा याद करो .....।। पांच सौ पैंसठ रियासतों का , विलय किया साकार राष्ट्र एक और ध्वजा एक हो , स्वप्न हुआ साकार |शरणार्थियों को आश्रय देकर कर दिया बेड़ा पार , रोजी रोटी सुलभ करा कर बसा दिया संसार। “भारत रत्न “ सही माने में थे अपने “ सरदार"गुजराती आभा का मानो सही हुआ सत्कार || उन्नीस सौ पचास, दिसम्बर की पन्द्रहवीं तिथि थी देश की हर आँखें जब उनके , शोक में भीगीं, नम थीं | सूर्य अचानक तिमिर लोक में, चला गया था , फिर भी आभा दिग दिगंत तक , बिखर रहा था | स्वयं अलंकृत हुआ देश था , पाकर इस “सरदार “ को | आओ हम सब वंदन कर लें याद करें अवतार को ||ज़रा याद करो , ... ज़रा याद करो.........।।

प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी ,लखनऊ-226006ईमेलdarshgrandpa@gmail.comमोबाइलन० 9839229128

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