आकाशवाणी गोरखपुर की स्थापना और प्रसारण के प्रारम्भ से जुड़े वरिष्ठ कवि,पत्रकार श्री हरीन्द्र द्विवेदी उर्फ अरुण गोरखपुरी का कल बुधवार ,12जुलाई को दोपहर में निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे।
श्रीअरुण गोरखपुरी ने उन्होंने गोरखपुर से प्रकाशित होने वाले कई समाचार पत्रों में कार्य किया था। सबसे अधिक समय तक उन्होंने दैनिक जागरण में कार्य किया। इस वक्त वह यहाँ से प्रकाशित होने वाले दैनिक न्यूज फॉक्स में कार्य कर रहे थे।
वह भोजपुरी और हिंदी में कविताएं ,कालम और गद्य लिखते थे।अरुण गोरखपुरी उनका कवि नाम था।उन्हें भोजपुरी जीवन, संस्कृति में सिद्धहस्तता प्राप्त थी ।वह लोगों से स्थानीय बोली भोजपुरी में ही बात भी किया करते थे।उनके असमय चले जाने से साहित्य,मीडिया जगत शोकाकुल है।ब्लाग लेखक से भी उनकी गहन अन्तरंगता रही है।
अभीउन्होंने 27 जून को फेसबुक वाल पर यह कविता पोस्ट की थी –
तुममें भोर, भोर में तुमको, देख सकूं तो अच्छा है ।
जीवन को जीवन मे यारा, देख सकूं तो अच्छा है।
रिमझिम रिमझिम, बरसाती बूंदों का सुर सरगम।
आंखों से मौसम का नर्तन, देख सकूं तो अच्छा है।।
प्रसार भारती परिवार उनके निधन पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
ब्लाग रिपोर्टर :- श्री. प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी,लखनऊ
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