दोस्तों 8 वर्ष पहले का वो वाक्या आज भी मुझे अच्छे से याद है जब हरियाणा की धरती से एक और रेडियो पत्रिका "श्रोता सरगम"के प्रकाशन की नीव रखी गयी थी जो आज भी बदस्तूर जारी है। इसके स्वरुप को जिन महानुभावो ने सवांरा वे है भाई रामपाल काम्बोज जी, श्री चंद्रभान ढिंढोरिया जी, रवि कुमार राहुल जी, श्री टी डी मल्होत्रा जी, श्री सतीश मिगलानी जी, श्री राजकुमार पुजारा जी, गुरविंदर सिंह पान्धा जी, करतार सिंह डांडा जी और आपका साथी बिजेंद्र जयजान। और अब इसकी जिम्मेदारी भाई सज्जन कुमार जांगड़ा जी को दी गयी है जो इसका निर्वाह बखूबी निभा रहे है। और इसके प्रकाशन के असली सूत्रधार आप लोग है आप सब के सहयोग बिना इसका प्रकाशन हमारे लिए बिलकुल भी संभव नही है। श्रोता सरगम के प्रथम अंक की फ़ोटो कॉपी आपके समक्ष रख रहा हूँ।
Source : Bijender Jaijaan