दिनांक 21 जून 2017 को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आकाशवाणी रामपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें योगाचार्य डा0 राधेश्याम शर्मा वासन्तेय ने दैनिक जीवन में योग के महत्व पर विस्तार से चर्चा की और कार्यक्रम में उपस्थित आकाशवाणी कर्मियों को योगाभ्यास भी कराया।
कार्यक्रम के आरम्भ में कार्यक्रम अधिशासी श्रीमती मंदीप कौर ने योग की अनिवार्यता एवं उससे होने वाले लाभ के बारे में बताते हुये योगाचार्य डा0 वासन्तेय का परिचय दिया और कहा कि वर्तमान में सारे विश्व ने योग के महत्व को स्वीकार किया है और भारत की इस प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा को विश्व स्तर पर पहचान मिली है उनका कहना था कि योग द्वारा जीवन में उल्लास शान्ति स्वास्थ्य एवं स्थिरता प्राप्त की जा सकती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश इस दिशा में आगे बढ़ा है और यह कार्यक्रम इसी श्रृंखला की एक कड़ी है।
अपने सारगर्भित सम्बोधन में योगाचार्य डा0वासन्तेय ने योग को आर्ट आफ लव आर्ट आफ लिविंग एवं आर्ट आफ लीविंग बताते हुये इसे जीवन की कला एवं आत्मा की संज्ञा दी। उनका कहना था कि योग धर्म की सीमाओं से परे है जिस प्रकार हम जीवन में सुख दुखशान्ति अशान्ति का अनुभव करते हैं और उनसे परेशान होते हैं योग ही एक ऐसा माध्यम है जो हमें इनसे ऊपर उठकर जीवन में आनन्द प्रदान करता है शरीर में चेतना जागृत होती है रसात्मक समरसता का संचार होता हैशान्ति की प्राप्ति के लिये किया गया अनुसंधन ही योग है। योग के सिद्वान्त यम नियम पर आधरित हैं जीवन में अहिंसा सत्य आस्तेय अपरिग्रह एवं ब्रहमचर्य इन पांच तत्वों का समावेश उसी प्रकार आवश्यक है जिस तरह से सन्तोष और पवित्रता स्थिरम् सुखम् आसनम् ही योग का मूल है जो हमें जीवन में सर्वे भवन्तु सुखिनः के सिद्वान्त की अनिवार्यता सिखाता है। इसके बाद डा0वासन्तेय ने योग की विभिन्न मुद्रायें एवं आसनों का प्रदर्शन किया जिसका अनुसरण कार्यक्रम में उपस्थित आकाशवाणी कर्मियों ने किया।
कार्यक्रम के अन्त में केन्द्र निदेशक श्री सरवत उस्मानी ने इस आयोजन को बेहद उपयोगी बताते हुये इस तरह के प्रयास आगे भी किये जाने का आह्वान किया उन्होंने इस आयोजन को केन्द्र का पहला प्रयास बताया और आह्वान किया कि हम जीवन में योग नियमित रूप से करने का संकल्प लें ताकि स्वस्थ एवं निरोग रह सकें। कार्यक्रम में आर० के० कश्यप सुधांशु नन्दन ठाकुरदास रामस्वरूप गंगवार अंकुर सक्सेना कृष्ण गोपाल हरिओम सैनी देवेश कुमार मृत्युंजय कुमार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संयोजन कार्यक्रम अधिशासी श्री शोभित शर्मा द्वारा किया गया।
द्वारा सहयोग :- श्री. मृत्युंजय कुमार सक्सेना
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