.......उस ज़माने में राजस्थान में कहने को पांच रेडियो स्टेशन हुआ करते थे. जिनमें से एक अजमेर में सिर्फ ट्रांसमीटर लगा हुआ था. जो पूरे वक्त जयपुर से जुड़ा रहता था. मुख्य स्टेशन जयपुर था और बाकी स्टेशन यानी जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर केन्द्रीय समाचार दिल्ली से रिले करते थे. प्रादेशिक समाचार जयपुर से और कुछ प्रोग्राम के टेप्स जयपुर से आते थे, उन्हें ही प्रसारित कर दिया जाता था.
कुछ प्रोग्राम जिनमें ज़्यादातर फ़िल्मी गाने बजाए जाते थे. अपने अपने स्टूडियो से प्रसारित करते थे. मुझे इस से कोई मतलब नहीं था कि कौन सा प्रोग्राम कहीं और से रिले किया जाता है और कौन सा बीकानेर के स्टूडियो से प्रसारित होता है. मैं तो अपने मालिये (छत पर बने कमरे) में बैठा अपने उस छोटे से रेडियो को कानों से लगाए हर वक्त रेडियो सुनने में मगन रहता था. जब भी संगीत का कोई प्रोग्राम आता तो मैं बैंजो निकालकर उसके साथ संगत करने लगता. उस वक्त मुझे इस बात का ज़रा भी आभास नहीं था कि खेल खेल में की गई, ये संगत आगे जाकर हर उस स्टेशन पर मेरे साथियों के बीच मुझे एक अलग पोजिशन दिलवाएगी......................