प्रसार भारती परिवार के पुरोधा और आकाशवाणी के पूर्व केन्द्र निदेशक स्व. डा.रजनीश प्रसाद मिश्र का हिन्दू विधि विधान से दशगात्र(दसवां)और ब्रम्हभोज(द्वादशा:)क्रमश:19तथा21मार्च को उनके परिजनों द्वारा उनके पंत नगर(खुर्रमनगर)लखनऊ स्थित आवास पर सम्पन्न हुआ। डा.मिश्र का गत 9मार्च को 76वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। आकाशवाणी में विभिन्न पदों और केन्द्रों पर रहकर उन्होंने अपनी मूल्यवान सेवाएं दी थीं । हिन्दू रीति रिवाज में मान्यता है कि मृतक की आत्मा बारह दिनों का सफर तय कर विभिन्न योनियों को पार करती हुई अपने गंतव्य (प्रभुधाम) तक पहुंचती है। इसीलिए 13वीं करने का विधान बना है। परंतु कहीं-कहीं समयाभाव व अन्य कारणों से 13वीं तीसरे या 12वें दिन भी की जाती है जिसमें मृतक के पसंदीदा खाद्य पदार्थ बनाकर ब्रह्म भोज आयोजित कर ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना की जाती है व गरीबों को मृतक के वस्त्र आदि दान किए जाते हैं। हर माह पिंड दान करते हुए मृतक को चावल पानी का अर्पण किया जाता है। साल भर बाद बरसी मनाई जाती है, जिसमें ब्रह्म भोज कराया जाता है व मृतक का श्राद्ध किया जाता है ताकि मृतक पितृ बनकर सदैव उस परिवार की सहायता करते रहें। इन सभी क्रियाओं को करवाने व करने का मुख्य उद्देश्य मृतक की आत्मा को शांति पहुंचाना व उसे अपने लिए किए गए गलत कर्मों हेतु माफ करना है।
ब्लाग रिपोर्टर :- श्री. प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी,लखनऊ,darshgrandpa@gmail.com↧