देश के शीर्ष साहित्यकारों की श्रेणी में गिने जाने वाले लखनऊ के प्रख्यात साहित्यकार स्व0अमृतलाल नागर जी की शहर के चौक मुहल्ले के मिर्जा मंडी स्थित जीर्ण शीर्ण कोठी के दिन बहुरेंगे और तमाम अटकलों को खारिज करते हुए प्रदेश सरकार ने उसके अधिग्रहण करने और उसे संग्रहालय का रुप देने पर अपनी सहमति बनाई है ।प्रदेश का संस्कृति विभाग एक सप्ताह के अंदर उनके परिवारीजनों के साथ बैठक करके इसके लिए प्रस्ताव सरकार को देगा ।साह जी की इस कोठी में नागर जी 1957में रहने के लिए आए थे और 1990में अपनी अंतिम सांस उन्होंने यहीं छोड़ी थी ।अपनी बेटी अचला नागर की शादी उन्होंने यहीं से की थी।उनकी अनेक रचनाओं ने इसी कोठी में जन्म लिया था और वर्षों तक ख़ासकर होली-दीवाली में यह कोठी सभी के लिए आकर्षण का केन्द्र भी बनी रही थी ।सनद रहे कि नागर जी का स्वयं और उनके परिवार के कई लोगों का आकाशवाणी से निकट का सम्बन्ध रहा है ।शहर के साहित्यकारों ने इस बात पर खुशी जाहिर की है।
ब्लाग रिपोर्टर :- श्री. प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी,कार्यक्रम अधिकारी ,से.नि.,आकाशवाणी,लखनऊ
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