परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है जो दुश्मनों की उपस्थिति में उच्च कोटि की शूरवीरता एवं त्याग के लिए प्रदान किया जाता है. भारतीय सेना के किसी भी अंग के अधिकारी या कर्मचारी इस पुरस्कार के पात्र होते हैं एवं इसे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है। इससे पहले जब भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के तहत कार्य करती थी तो सेना का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास हुआ करता था।ये हैं हमारे परमवीर, जिनकी कहानी सुन हर भारतीय को होता है गर्व.
जरा सोचिये ...3 नवंबर 1947 को मेजर सोमनाथ शर्मा अगर अपनी बहादुर डॆल्टा कंपनी के पचास-एक जवानों के साथ श्रीनगर एयर-पोर्ट से सटे उस टीले पर वक्त से नहीं पहुँचे होते तो भारत का नक्शा कैसा होता...! मृत्यु से कुछ क्षणों पहले मेजर सोमनाथ द्वारा भेजा गया रेडियो पर संदेश:-“I SHALL NOT WITHDRAW AN INCH BUT WILL FIGHT TO THE LAST MAN & LAST ROUND" {मै एक इंच पीछे नहीं हटूंगा और तब तक लड़ता रहूँगा, जब तक कि मेरे पास आखिरी जवान और आखिरी गोली है}
ऐसे ही जाबांज परमवीर चक्र विजेताओ की कहानियाँ स्पेशल इफेक्ट्स के साथ विविध भारती पर सुनना ना भूलिये.. शाम ०७:०५ मिनट से जयमाला प्रोग्राम में ९ अगस्त से २३ अगस्त २०१६ तक..सोमवार से शुक्रवार तक..इस विशेष कार्यक्रम को विविध भारती के उदघोषको द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है ...हर रोज एक नईं कहानी शूरवीरो की...बेहतरीन प्रस्तुतीकरण से कोशिश की गयी है..आप अपनी कल्पना से उन परिद्रश्यो को जीवित कर सके...