आकाशवाणी भागलपुर ने अपने जन्मदिन पर गुरुवार को श्रोताओं को कई तोहफे दिए। प्रत्येक सभा में विशेष प्रसारण किया गया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रभात नारायण झा ने बताया कि इस केंद्र के शुरू होने से अब तक के कार्यक्रमों की एक झलक रेडियो से प्रसारित की गई। उन्होंने बताया कि अलीगंज स्थित प्रसारण केंद्र, आदमपुर स्थित स्टूडियो और कार्यालय को भव्य तरीके से सजाया गया है। ग्रामजगत, युववाणी सहित विभिन्न कार्यक्रमों में इस पर विशेष आयोजन किए गए।
5 मार्च 1967 को आकाशवाणी भागलपुर की हुई थी स्थापना
तत्कालीन केंद्र प्रमुख डॉ. एसबी सिंह के कार्यकाल में 05 मार्च 1967 को अलीगंज स्थित आकाशवाणी भागलपुर प्रसारण केंद्र की स्थापना हुई थी। पहले इस केंद्र से सिर्फ दिल्ली, पटना और रांची के कार्यक्रमों को ही प्रसारित किया जाता था। यहां से कोई स्वतंत्र कार्यक्रम प्रसारित नहीं किया जाता था। आज इस केंद्र ने 53 साल पूरे कर लिए हैं। इस दौरान इसने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।
1970 से स्वतंत्र कार्यक्रम की हुई शुरुआत
आकाशवाणी भागलपुर ने वर्ष 1970 में अपने कुछ स्वनिर्मित कार्यक्रमों की शुरुआत की। सबसे पहले प्रात: कालीन सभा में भक्ति संगीत के कार्यक्रम वंदना की शुरुआत हुई। इसके बाद यहां खेती किसानी यूनिट की स्थापना की गई। उसके बाद आकाशवाणी भागलपुर का प्रसिद्ध ग्राम जगत विभाग अस्तित्व में आया। आगे युववाणी और अन्य यूनिटों की स्थापना की गई।
12 अप्रैल 1988 को बना अपना स्टूडियो और कार्यालय
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रभात नारायण झा ने बताया कि चूंकि अलीगंज स्थित प्रसारण केंद्र शहर से काफी दूर था, इस कारण शहर के बीचोबीच कचहरी अहाता स्थित भवन में कार्यालय और स्टुडियो बनाए गए थे। वहां कार्यालय संबंधी कामकाज व विभिन्न कार्यक्रमों की रिकार्डिंग की जाती थी। उन सामग्रियों के टेप अलीगंज प्रसारण केंद्र भेजकर वहां से उनका प्रसारण किया जाता था। उन्होंने कहा कि 12 अप्रैल 1988 को आदमपुर स्थित प्रसार भारती का वर्तमान कार्यालय और स्टूडियो अस्तित्व में आया। इस जगह के चयन में तत्कालीन केंद्र अभियंता सह केंद्र प्रधान रामानंद प्रसाद और वरीय उदघोषिका विनोद बाला सिंह की अहम भूमिका थी। प्रथम दिन इसी स्टूडियो से दूसरी सभा के कार्यक्रमों का प्रसारण किया गया था। तब से यहां से बदस्तूर प्रसारण जारी है। उस समय यहां की केंद्र निदेशक ग्रेस कुजूर थीं।
इनका रहा योगदान
इस केंद्र को लोकप्रिय बनाने में खेती गृहस्थी ग्राम जगत के कार्यक्रम शिवमंगल मानव, विजया लक्ष्मी, अधिशासी वीरेंद्र शुक्ल, विनोद बाला सिंह, प्रह्लाद कुमार पटेल, ग्रेस कुजूर, अरुण कुमार पासवान, डॉ. मणिकांत झा, डॉ. मीरा झा, डॉ. विजय कुमार मिश्र, अरूण त्रिवेदी, वीरेंद्र प्रेमी, हरेराम पांडेय, ओंकारनाथ मिश्र, कुसुमाकर दूबे, नउमी शांति हेंब्रम, मनीष ठाकुर, श्रीनिवास सहाय, सांत्वना साह, सत्य प्रकाश, ब्रह्मदेव मंडल आदि की अहम भूमिका है। -----------------------
आकाशवाणी श्रोता संघ से भी मिली कार्यक्रम को पहचान
सुजागंज भागलपुर ने पूरन लाल सिंधी ने आकाशवाणी श्रोता संघ की स्थापना की थी। उनके निधन के बाद भी यह श्रोता संघ आकाशवाणी की प्रत्येक गतिविधयों से जुड़ा है। पूरन लाल सिंधी ने प्रत्येक वर्ष आकाशवाणी के अच्छे कार्यक्रमों और उद्घोषक को सम्मान देने की भी परंपरा की शुरुआत की थी।
इस केंद्र ने बंटोरे हैं कई पुरस्कार
आकाशवाणी भागलपुर के निदेशक अभियंत्रण सह केंद्र प्रधान ब्रजेश कुमार ने बताया कि इस केंद्र को 1990 में तकनीकी उत्कृष्टता के लिए और 1993 में उत्कर्ष तकनीकी कार्य के लिए वार्षिक पुरस्कार मिला है। इसके अलावा 2000-01 में राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से राजभाषा में उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए अवार्ड दिया गया था। साथ ही यहां के बाग-बगीचे ने भी कई अवार्ड जीते हैं। केंद्र अभियंता रामानंद प्रसाद के कार्यकाल में सारे अवार्ड आकाशवाणी को मिले।---------------------
द्वारा अग्रेषित :- श्री. श्री. झावेंद्र कुमार ध्रुव
jhavendra.dhruw@gmail.com