दिनांक 23 जून 2016 को आकाशवाणी पणजी में दैनिक कार्यालयीन कार्यों में हिंदी प्रयोग की कठिनाइयां एवं उनके सामान्य व तकनीकी समाधान इस विषय पर हिंदी कार्यशाला आयोजित की गई । कार्यशाला को डाॅ. शुभ्रता मिश्रा ने संचालित किया । वे एक स्वतंत्र विज्ञान लेखिका व कवियत्री है । डाॅ. मिश्रा ने हिंदी के कार्यालयीन प्रयोग में आनेवाले चार कारकों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया । ये हैः गलती होने का भय, हिनता या उच्चता की मनोग्रंथी संकल्प शक्ती का अभाव और सामाजिक परिवेश व वातावरण । डाॅ. मिश्रा के अनुसार अगर इन चारों कारकों को कम्रचारी अपने मन से निकाल दें, तो हिंदी में कार्यालयीन कार्य करना अत्याधिक सुगम हो जायेगा ।
उन्होंने हिंदी कें कार्यालयीन प्रयोग में आनेवाली कुछ कठिनाईओं जैसे कि प्रशासनिक शब्दों की दुर्बोधता, पुनःअनुवाद का भय, हिंदी टंकण की समस्या, कर्मचारियोंकी और प्रशिक्षण की कमी, का भी उल्लेख किया । तदश्चात डाॅ. मिश्रा ने डिजिटल दुनिया में हिंदी का प्रवेश और विकास किस प्रकार हुआ इस पर प्रकाश डाला । हिंदी कंप्युटिंग तथा उसकी उपलब्धियांे, 2003 के बाद हिंदी विकिपीडीया से हुआ हिंदी कंप्यूटिंग का क्रांतिकाल तथा श्रुतलेखन, वाचांतर, मंत्रराजभाषा, ई-शब्दकोश व लीला राजभाषा जैसे हिंदी साॅफ््टवेयरोंने हिंदी टंकण, अनुवाद और शब्द भंडार में किस तरह की क्रांती लायी है इसकी जानकारी प्रतिभागियों को मिली । डाॅ. मिश्रा ने हिंदी वर्तनी जंांॅचक, फंाॅंट परिवर्तक, लिप्यांतरण, घ्वन्यांतरण और यांत्रिक अनुवाद जैसे आधुनिक तंत्रों से सबको अवगत कराया । हिंदी कार्यशाला में 19 अधिकारियों/कर्मचारियों ने भाग लिया । आभार प्रदर्शन प्रभारी हिंदी अधिकारी श्री दामोदर आठलेकर ने किया।
Contributed by :- Shri. Dinkar Yadav .dinkar_cccgoa@yahoo.co.in