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Inspiration - Walmart : सैम वॉल्टन - एक सेल्समैन ने ऐसे खड़ी की दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी.

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कामयाब लोग कोई नया काम नहीं करते, काम को नए तरीके से करते हैं', ये लाइन सुनने में अच्छी लगती है. और असल जिंदगी में इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं 'वॉलमार्ट'के फाउंडर सैम वॉल्टन, 
जिन्होंने खरीदारी का तरीका ही बदल डाला. दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी 'वॉलमार्ट'को इस मुकाम तक पहुंचाने वाले वॉल्टन ने अपने करियर की शुरुआत बतौर सेल्स ट्रेनी की थी. अब उनकी कंपनी की कीमत करीब 500 अरब डॉलर है और दुनिया के 28 देशों में 12 हजार रिटेल स्टोर के साथ इसकी धमक है. भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के 77 फीसदी शेयर खरीदने के बाद ये कंपनी सुर्खियों में है.

साल 1918 में अमेरिका के ओक्लाहामा में पैदा हुए सैम वॉल्टन मध्यमवर्गीय परिवार से आते थे. कॉलेज के दिनों में ही उनका वास्ता रिटेल सेक्टर से हो गया. जे सी पेन्नी नाम की कंपनी से उन्होंने अपना करियर बतौर सेल्स ट्रेनी शुरू किया. इस दौरान भी वॉल्टन ने सबसे ज्यादा ध्यान कस्टमर सर्विस पर दिया. और यही सीख बाद में 'वॉलमार्ट'पर लागू किया. जहां मूलमंत्र था, कस्टमर सर्विस और कम मुनाफे के साथ बिक्री. सेल्स ट्रेनी की नौकरी छोड़कर वो साल 1942 में तीन सालों के लिए सेना में भी शामिल हुए.

सेना की नौकरी से कमाए गए 5 हजार डॉलर और रिश्तेदारों की मदद से वॉल्टन ने न्यूपोर्ट, अर्कांसेस में 'बेन फ्रेंकलिन स्टोर'की फ्रेंचाइजी ली. यहां भी उनका मूलमंत्र था कि बाकी स्टोर के मुकाबले कम दाम में ज्यादा सर्विस के साथ स्टोर चलाओ. दूसरों को वॉल्टन का ये कॉन्सेप्ट कुछ खास फायदे का सौदा नहीं दिखता था. धीरे-धीरे वॉल्टन की कमाई कई गुना बढ़ती गई और आसपास के कई स्टेट में उन्होंने बेन फ्रेंकलिन की फ्रेंचाइजी खरीद ली. लेकिन बाद में सैम वॉल्टन ने खुद का स्टोर खोलने का फैसला लिया.

साल 1950 में एक अलग और शांत जगह की तलाश में वॉल्टन न्यूपोर्ट से बेंटोनविल पहुंचे. यहां 99 साल की लीज पर जमीन ली और सैम 5 एंड सैम 10 नाम से स्टोर खोला. साल 1960 तक उन्होंने एक के बाद एक 15 दुकानें खोल डालीं. हालात ये हो गए कि कभी शांत जगह माने जाने वाले बेंटोनविल में एक साथ कई कंपनियां अपने स्टोर खोलने लगी.

साल 1962 में रोजर्स, अर्कांसेस में पहला वॉलमार्ट वॉल्टन ने खरीदा. उस वक्त सैम वॉल्टन की उम्र 44 साल थी.
साल 1967 तक वॉल्टन ने 24 स्टोर खोल लिए थे. लेकिन अब दुनिया के रिटेल सेक्टर पर राज करने के लिए वॉल्टन को कुछ नए कदम की जरूरत थी. साल 1970 में कंपनी पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन गई और 1972 में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज कंपनी लिस्ट हो गई.

90 के दशक में वॉलमार्ट ने अपने पैर दूसरे देशों में भी पसारने शुरू कर दिए. साल 1991 में कंपनी ने एक मैक्सिकन रिटेल कंपनी की मदद से अमेरिका से बाहर कदम रखा. फिलहाल, 28 देशों में कंपनी के स्टोर हैं. उनके योगदान को देखते हुए साल 1992 में अमेरिकी राष्ट्रपति बुश ने उन्हें मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया. इसके 6 महीने बाद ही 74 साल की उम्र में सैम वॉल्टन का निधन हो गया  

सैम वॉल्टन ने रिटेल सेक्टर की शुरुआत नहीं की थी. लेकिन उसके तरीके को बदला और फायदेमंद बनाया.   मतलब ये है कि आप अपने नए आइडिया और काम करने की तरीके के बदौलत कामयाबी हासिल कर सकते हैं. हर कामयाबी के लिए कुछ अलग 'काम'करने की जरूरत नहीं होती, किसी काम को अलग तरीके से करने का तरीका का होता है.

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