कार्यक्रम की शुरूआत लोक कलाकारों द्वारा गणेश वन्दना एवं स्वागत गान द्वारा की गई। कार्यक्रम के आरम्भ में केन्द्राध्यक्ष सतीष देपाल ने किसानों और रेडियो के समन्वय के बारे में बताया कि कृषि उन्नत तकनीक का रेडियो द्वारा कैसे उपयोग किया जाता है ।
इस अवसर पर दन्त चिकित्सक डाॅ. प्रषान्त कोठारी ने तम्बाकू, गुटखा तथा खैनी से होने वाले गम्भीर रोगों से किसानों को सावधानी बरतने एवं जागरूक रहने की अपील की। तत्पश्चात् नाबार्ड बैंक के जिला विकास अधिकारी सुभाष जैन नें किसान क्रेडिट कार्ड, नाबार्ड डेयरी योजना तथा नाबार्ड द्वारा देय अनुदानांे के बारे में जानकारी प्रदान की। कृषि विज्ञान केन्द्र, बोरवट से आई कृषि वैज्ञानिक रष्मि दवे बताया की प्रचुर मात्रा में पैदा होने वाली सोयाबीन से क्या-क्या फायदे है तथा उनका उपयोग कैसे किया जाता है। उन्होने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध सोयाबीन को कैसे प्रसंस्कृत कर कुपोषण से बचा जा सकता है।
आर.के. वर्मा, उपनिदेशक आत्मा परियोजना कृषि विभाग बांसवाड़ा नें जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए बताया कि आने वाले समय में इससे फसल उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। श्री वर्मा ने जैविक खेती पर जोर देते हुए कहा कि जैविक उर्वरकों का प्रयोग करने से क्या-क्या फायदे हैं। प्रकृति द्वारा उपलब्ध संसाधनो को केवल किसान ही बचा सकता है और उसका सदुपयोग कर उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है। कृषि विज्ञान केन्द्र बोरवट के निदेषक एच.एल. बुगालिया नें कृषि के साथ पशुपालन द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों को आय दोगुनी करने का सुझाव दिया ।
उपनिदेषक कृषि विस्ताार भुरालाल पाटीदार ने बताया कि खेत की मिट्टी की शुद्धता के लिए मृदा स्वास्थ्या कार्ड क्यूँ जरूरी है और उसके क्या-क्या फायदे हैं। उन्होने बताया कि पानी की एक-एक बँूद उपयोगी है और इस के लिए कृषि विभाग द्वारा देय अनुदानों का लाभ उठाकर ड्रिप सिंचाई पद्धति का उपयोग किया जा सकता है।
कृषि अनुसंधान केन्द्र के कीट वैज्ञानिक श्री आर.के. कल्याण ने रसायनिक दवाइयों के कुप्रभावों से किसान भाईयों को अवगत कराते हुए बताया की बिना रसायनिक दवाइयों के परम्परागत संसाधनों से भी खाद तैयार कर अधिक लाभ ले सकते है। पशु पालन विभाग से आये श्री राजेश नाबार्डे ने पशुपालन की विभिन्न योजनाओं, दुग्ध उत्पादन तथा पशुओं में खुरपका-.मुहपका टीकाकरण के बारे में जानकारी प्रदान की ।
कार्यक्रम के संयोजक आकाशवाणी बांसवाड़ा के प्रसारण अधिकारी श्री धीरेन्द्र सिंह शांक्यवंशी ने बताया कि आकाशवाणी प्रतिदिन किसानवाणी कार्यक्रम में कृषि विषेषज्ञों तथा प्रगतिषील किसानों द्वारा कृषि के उन्नत तरीको को किसानों के मध्य प्रसारित कर लोक प्रसारक की अपनी भूमिका का भलीभाँति निर्वहन कर रहा है। श्री शांक्यवंशी नें बताया की रेडियो प्रचार प्रसार का सबसे सशक्त,सुगम,सुलभ तथा सस्ता माध्यम है। साथ ही साथ आनलाईन कृषि पोर्टलो के बारे में किसान भाईयों को अवगत कराया। कार्यक्रम के अन्त में आकाषवाणी केन्द्र के कार्यक्रम प्रमुख महेन्द्र कुमार मीणा नें अतिथियों का आभार व्यक्त करतें हुए बताया की समन्वित खेती द्वारा किसान भाई अधिकाधिक लाभ उठा सकतें है। श्री मीणा नें षिक्षा के प्रचार-प्रसार की महत्ता बताते हुए प्रत्येक किसान को अपने बच्चो को साक्षर करने पर जोर दिया। प्रगतिशील कृषक कालूराम चरपोटा नें अपनी सफलता की कहानी किसान भाईयो से साझा की। कार्यक्रम का संचालन लोक कलाकार श्री जयसिंह दायमा द्वारा किया गया। आकाशवाणी द्वारा आयोजित रेडियो किसान दिवस समारोह कि रेडियो रिपोर्ट का प्रसारण आज रात्रि 09 बजकर 30 मिनट पर आकाशवाणी के बांसवाड़ा केन्द्र से किया जायेगा।
द्वारा योगदान :-श्री महेन्द्र कुमार मीणा,कार्यक्रम प्रमुख।