आदरणीय श्री मुद्राराक्षस जी का सोमवार, 13 जून को देहावसान हो गया | 83 वर्षीय मुद्राराक्षस यानि सुभाष चन्द्र जी की आने वाले 21 जून को जन्मदिन थी |
मुद्राराक्षस अपने पीछे पत्नी श्रीमती इन्द्रा मुद्राराक्षस, दो बेटे रोमी मुद्राराक्षस व रोमेन्द्र मुद्राराक्षस को छोड़ गये हैं.
उनके निकट रहे सुरेश कुमार ने कहा कि मुद्रा जी पोंगापंथी परम्पराओं के धुर-विरोधी थे. युवा लेखिका पूनम ठाकुर ने समाज में क्षरित हो रही संवेदना पर चिन्ता जताई. कवि तरुण निशांत ने उनके जीवन की कठिन स्थितियों को याद किया. अनिल श्रीवास्तव ने उन्हें कभी भी समझौता न करने वाला व्यक्ति बताते हुए उनके जनता दल के समय और आकाशवाणी के दौर को याद किया. के.के.चतरुवेदी ने उन्हें बेलौस वक्ता और लेखक बताया.
मुद्राराक्षस अपने पीछे पत्नी श्रीमती इन्द्रा मुद्राराक्षस, दो बेटे रोमी मुद्राराक्षस व रोमेन्द्र मुद्राराक्षस को छोड़ गये हैं.
उनके निकट रहे सुरेश कुमार ने कहा कि मुद्रा जी पोंगापंथी परम्पराओं के धुर-विरोधी थे. युवा लेखिका पूनम ठाकुर ने समाज में क्षरित हो रही संवेदना पर चिन्ता जताई. कवि तरुण निशांत ने उनके जीवन की कठिन स्थितियों को याद किया. अनिल श्रीवास्तव ने उन्हें कभी भी समझौता न करने वाला व्यक्ति बताते हुए उनके जनता दल के समय और आकाशवाणी के दौर को याद किया. के.के.चतरुवेदी ने उन्हें बेलौस वक्ता और लेखक बताया.
हमारी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि |
Source : झावेन्द्र कुमार ध्रुव