आकाशवाणी वार्षिक पुरस्कार प्रतियोगिता- 2017 के लिए विज्ञान कार्यक्रमश्रेणी में
सर्टिफिकेट ऑफ़ मेरिट से पुरस्कृतआकाशवाणी पटनाकी प्रस्तुति
नाटक- वेव एलियन्स- नयी दुनिया की ओर
लेखक- डॉ. रमेश पाठक
प्रस्तुतकर्ता - डॉ. किशोर कुमार सिन्हा, सहायक निदेशक (कार्यक्रम)
प्रस्तुति टीम - नन्दिनी वर्मा, कार्यक्रम अधिशासी एवं अलका प्रियदर्शिनी,कार्यक्रम अधिशासी
प्रतिभागी- कन्हैया प्रसाद, एस. रिज़वानुल्लाह, सोमा चक्रवर्ती और अर्चना सोनी
इस विज्ञान नाटक में कई ऐसी कल्पनाएं हैं जो भविष्य की धरती के जीवन से लेकर अंतरिक्ष तक से जुड़े अनुसन्धान के कई नये द्वार खोल सकती हैं। जीवन एक रासायनिक संघटन है. धरती पर जीवन, धरती के तत्वों से ही बना है और वही तत्व वायु और जल का निर्माण कर जीवन को सुरक्षित रखते हैं. दूसरे ग्रहों पर, हो सकता है अलग जीवन-अवयव हों और उन्होंने अपना एक अलग संघटन बना कर जीवन का निर्माण किया किया हो जो अपने पूरे आयाम में धरती पर पाए जानेवाले जीवन से भिन्न हो. आज विज्ञान वेव्स का उपयोग कर रहा है पर हमारे शरीर के वेव्स- ब्रेन वेव्स- पर अनुसन्धान न के बराबर है. इस नाटक में वेव एलियंस जिस तरह शारीरिक वेव्स का उपयोग संवाद के साथ-साथ सभी क्रिया-कलापों के लिए करते हैं, उसी तरह आदमी भी करे तो उपकरणों और यंत्रों की ज़रूरत नहीं रह जाएगी; जैसे महाभारत के संजय अपनी आँखों से ही दूर चल रहे महाभारत-युद्ध को देखते हैं. हम इंसान भी मन की आँखों से बहुत कुछ देख लेते हैं. हो सकता है, ये सब वेव के कारण संभव होता हो, जिसकी हमें कोई जानकारी नहीं है. दरअसल ये नाटक अध्यात्म के दर्शन से विज्ञान का परिचय करा के अनुसन्धान को एक नई दिशा देता है जिससे विज्ञान शरीर-जनित वेव्स पर अनुसन्धान कर उन्हें संचार-माध्यम के रूप में स्थापित करने का प्रयास करे और यंत्रों तथा उपकरणों पर मानव की निर्भरता समाप्त हो जाये. इस परिकल्पना से आनेवाले दिनों में अंतरिक्ष के अंदर जीवन की तलाश का एक नया अध्याय खुल सकता है, साथ ही, अध्यात्म और विज्ञान का अनूठा संगम भी दिखाई दे जाये, इस संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता. संक्षेप में, वेव एलियन्स वैज्ञानिक कल्पना पर आधारित ऐसा नाटक है जो ऐसी खोजों की ओर इंगित करता है जो भविष्य में विज्ञान को नयी दिशा दे सकती हैं.
प्रस्तुति- डॉ. किशोर सिन्हा