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Inspiration - 7 साल की उम्र में स्केटिंग में जीते हैं 30 से भी ज्यादा मेडल, गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है नाम!

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सुभाष यशवंतराव कामड़ी साल 2003 में चंद्रपुर शहर में एक लेक्चरर के तौर पर आये। वहीं पर उनकी मुलाकात शिल्पा से हुई थी, जिनसे उन्होंने बाद में शादी की।सुभाष ने बताया, “शिल्पा की किडनियां जन्म से ही सिकुड़ी हुई थीं और उसको पैंक्रियास (अग्न्याशय) में भी दिक्क्त थी।

इन दोनों ने साल 2004 में शादी की और साल 2008 में अपना पहला बेटे, क्षितिज को गोद लिया। साल 2010 में उनके दूसरे बेटे ध्रुव- शिशिर का जन्म हुआ।

हर सुबह सुभष और शिल्पा पास के स्टेडियम में सैर के लिए जाया करते थे।  ध्रुव दो साल का हो गया था, लेकिन फिर भी वह बोल और चल नहीं पाता था। शिल्पा और सुभाष को इसकी चिंता रहने लगी।सुभाष ने बताया, “लोग अक्सर कहते कि ध्रुव पर शिल्पा की बिमारियों का असर हुआ है। हम दोनों बहुत परेशान थे, और फिर एक दिन हमने देखा कि ध्रुव क्षितिज के स्केट्स पर चलने की कोशिश कर रहा है।”इससे खुश होकर शिल्पा और सुभाष ने ध्रुव को कोचिंग दिलवाने का फैसला किया। चूंकि इसकी न्यूनतम आयु सीमा 3.5 वर्ष थी, इसलिए उन्हें एक विशेष अर्जी देनी पड़ी, जिसे स्वीकार कर लिया गया!

एक महीने के भीतर, ध्रुव बिगिनर्स स्केट्स छोड़ हाइपर स्केट्स पर स्केटिंग करने लगा और फिर रोलर स्केट्स की प्रैक्टिस भी करने लगा। वह स्थानीय मैचों में भाग लेने लगा और 2014 में स्टेट फेडरेशन अंडर-4 चैंपियनशिप में ध्रुव ने स्वर्ण पदक जीता!

शिल्पा और सुभाष ध्रुव हर शनिवार और रविवार 3 घंटे का सफ़र तय करके, वीकेंड क्लास के लिए नागपुर ले जाने  लगे, ताकि उसे लिम्बो स्केटिंग में प्रशिक्षित करवाया जा सके।

1 अक्टूबर 2015 को, ध्रुव ने लिम्बो स्केटिंग में अपना पहला रिकॉर्ड बनाया, और शिल्पा ने इस उपलब्धि को मार्क करने के लिए गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्पर्क किया। हालांकि ध्रुव इसके लिए निर्धारित आयु (5 साल) से छोटा था।
27 नवंबर 2015 को, ध्रुव 5 वर्ष का हो गया, और गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने शिल्पा को मेल भेजा कि आप इसे कर सकती हैं।चूंकि चंद्रपुर में ऐसा कोई स्टेडियम नहीं था, जो रिकॉर्ड के लिए आवश्यक दूरी और मानकों को पूरा करता था, ध्रुव ने सड़क पर इस रिकॉर्ड के लिए प्रयास करने का फैसला किया।8 अगस्त, 2017 को ध्रुव की माँ का निधन हो गया।

ध्रुवने अब तक राष्ट्रीय, अन्तर्राज्य, विदर्भ और जिला स्तर की प्रतियोगिताओं में 23 स्वर्ण, 6 रजत और 3 कांस्य पदक जीते।जनवरी 2017 में ध्रुव ने सात घंटे तक नॉन-स्टॉप स्केटिंग करके एक और रिकॉर्ड बनाया।जब ध्रुव से पूछा कि वह बड़े होकर क्या बनना चाहता है तो उसने जबाब दिया,“मैं एक स्केटिंग चैंपियन बनना चाहता हूँ। मैं किसी दिन अपने देश के लिए खेलना चाहता हूँ!”


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