जूलियो इग्लेसियस, जिसकी उम्र करीब 10 साल की थी। बचपन से ही उसे फुटबॉल खेलना बहुत पसंद था। उसका सपना था कि वो बड़े होकर फुटबॉलर बने और अपनी पसंदीदा क्लब रियल मेड्रिड कास्टिला की ओर से फुटबॉल खेले। वर्षों की कड़ी मेहनत और लगन की वजह से एक दिन उस लड़के का ये सपना साकार हो गया। रियल मेड्रिड की ओर से खेलने के लिए साइन कर लिया गया। वो एक बहुत ही अच्छा गोलकीपर था। इसलिए लोग ऐसा भी कहने लगे कि आने वाले दिनों में ये देश का नंबर वन गोलकीपर बन जाएगा।
लोग कहते हैं कि फुटबॉल के प्रति जूलियो का जुनून देखते ही बनता था, जैसे ही वो मैदान में उतरता, चारों ओर से बस उसका ही नाम सुनाई देता। एक दिन वोअपने कुछ दोस्तों के साथ कहीं घूमने निकला। तभी अचानक उसका एक्सीडेंट हो गया। उनको इतनी गहरी चोट आई थी, कि वो पैर के नीचे के हिस्से से पैरालाइजड हो गया। दुनिया का नंबर वन फुटबॉलर और गोलकीपर बनने का ख्वाब देखने वाला लड़का अब खुद से हिल भी नहीं सकता था। डॉक्टर्स ने ये साफ कह दिया कि खेलना तो दूर शायद ये अब कभी सही से चल भी ना पाए।
लंबे समय तक बिस्तर पर पड़े होने की वजह से जूलियो का जीवन बहुत दर्दनाक और नीरस हो गया। फिर उस ने अपने इस दर्द को कम करने के लिए एक गिटार मंगवाया। वो दिन- रात गिटार बजाता और अपने दर्द को धीरे- धीरे भूलने लगा। जैसे- जैसे समय बितता गया, उसने कविताएं और गाने लिखना भी शुरू कर दिया। वो धीरे- धीरे अपनी जिंदगी को सामान्य बनाने लगा। एक्सीडेंट के करीब पांच साल बाद उस ने एक सिंगिंग कॉम्पटिशन में भाग लिया, जिसमें उसने ‘लाइफ गोज ऑन द सेम’ गाना गाया और फर्स्ट प्राइज भी जीता।
हालांकि कि एक्सीडेंट का शिकार होने के बाद वो कभी फुटबॉल तो नहीं खेल सका, लेकिन संगीत की दुनिया में उसने अपना नाम कमा लिया। संगीत की दुनिया में अब उसका नाम 10 बड़े मशहूर गायकों में शुमार है। अब तक उस मशहूर गायक के 30 करोड़ से अधिक एल्बम भी आ चुके हैं।
जूलियो इग्लेसियस स्पेन के मशहूर सिंगर है । जूलियो जोसे इग्लेसियस डे ला क्यूवा एक स्पेनिश गायक और गीतकार है। साल 1983 में जूलियो ने दुनियाभर में सबसे अधिक भाषाओं में गाने रिकॉर्ड करने का जश्न मनाया था।
ऐसे में इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि इंसान को कभी भी हार नहीं मानना चाहिए। किसी भी तरह की परेशानियां क्यों ना हों, इंसान को उससे भागने के बजाए उससे लड़ने और आगे बढ़ने की सोच रखनी चाहिए। हमें हर विपरीत परिस्थितियों में भी संयम और धैर्य से काम लेना चाहिए। वो कहावत बिल्कुल सही है कि ‘ अगर एक रास्ता बंद होता है, दूसरे कई और रास्ते जरूर हमारे लिए खुल जाते हैं।'