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रेडियो लाया गांवों के लोगों की जिन्दगी में क्रांतिकारी परिवर्तन

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कल राष्ट्रीय प्रसारण दिवस था । देश में   23 जुलाई 1927 के दिन को इंडियन प्रसारण कंपनी ने बंबई से रेडियो प्रसारण शुरू किया था। इसी कारण देश में प्रत्येक वर्ष 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस मनाया जाता है। हरियाणा में रेडियो का प्रसारण 1976 में शुरू हुआ था, जब रोहतक में आकाशवाणी केंद्र की स्थापना हुई थी। हालांकि इससे पहले दिल्ली केंद्र से रेडियो सुनते थे। आज से 40-50 साल पहले गांवों में रेडियो मनोरंजन का बड़ा साधन बन गया था। इस पर रोज रागनियां, फिल्मी गाने और सांगों का प्रसारण होता था। इसके बाद जब देश में हरित क्रांति आई तो इसमें सबसे बड़ा योगदान रेडियो का ही माना गया। जब गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी, तब रेडियो के जरिए कृषि वैज्ञानिकों ने नए बीजों, दवाइयों की जानकारी किसानों तक पहुंचाई। देश में सभी फसलों के जो भी नए बीज अनुमोदित किए जाते थे, उनके बारे में किसानों को सिर्फ रेडियो से ही जानकारी मिलती थी।

आकाशवाणी केंद्र रोहतक के वरिष्ठ उद्घोषक संपूर्ण सिंह बागड़ी कहते हैं कि रेडियो जनसंचार का सबसे सशक्त माध्यम रहा है। देश के दूर-सुदूर इलाकों तक जहां किसी की पहुंच नहीं थी, वहां पहली रेडियो पहुंचा था।रोहतक में आकाशवाणी केंद्र की स्थापना के खेत खलिहान, कृषि जगत, ग्रामीण संसार जैसे कार्यक्रमों से किसानों को बहुत फायदा हुआ। ये कार्यक्रम सिर्फ किसानों के लिए ही तैयार किए गए। हिसार कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने इन कार्यक्रमों के जरिए किसानों तक खेती की सभी जानकारी पहुंचाई।

--तब फौजी लेकर आया था पहला रेडियो

गांव पाथरी के बुजुर्ग बीरबल कहते हैं कि उनके गांव में 40 के दशक में पहली एक फौजी रेडियो लेकर आया था। तब रेडियो सुनने के लिए उसके घर भीड़ लग जाती थी। तब उन्हें हैरानी होती थी कि छोटे से डिब्बे में से लोगों की आवाज कैसे निकल रही है। रेडियो पर फिल्मी गानों के अलावा समाचार और कृषि संबंधी जानकारी खूब आती थी। बुजुर्ग महेंद्र मलिक, धम सिंह कहते हैं कि तब सुनने के सिर्फ रेडियो ही होता था। अब तो युवा मोबाइल से ही चिपटे रहते हैं।

--काम करते हुए सुन सकते हैं रेडियो

जब हम छोटे थे, तब देखते थे कि गांव ही नहीं शहर के लोग भी घरों में रेडियो सुनते थे। रेडियो की खास बात यह है कि काम करते हुए भी लोग रेडियो सुनते रहते हैं। रेडियो में दिनभर कई तरह के कार्यक्रमों का प्रसारण होता है। इसी कारण रेडियो के श्रोताओं का ज्ञान आम आदमी से ज्यादा हो जाता है।

-अशोक जेई

लिंक : https://m.jagran.com/…/jind-radio-has-brought-revolutionary…
साभार : दैनिक जागरण, 23 जुलाई 2018

भारत में रेडियो प्रसारण के 91 साल पूरे होने के अवसर पर आप सभी  श्रोताओं को प्रसार भारती परिवार की ओर से हार्दिक बधाई एवं बहुत शुभकामनाएं..! 

स्रोत और श्रेय :- श्री. जावेंद्र कुमार ध्रुव जी के फेसबुक अकाउंट से

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