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Inspiration:रेडियो से प्रेरित होकर मृत बेटी का शरीर दान किया, दूसरी बेटी को वकील बनाने की ठानी

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लुधियाना - रेडियो पर मरणोपरांत नेत्रदान व शरीर दान के बारे में सुन प्रभावित हुईं सरोज कुमारी ने नौ साल पहले अपनी तीन साल की बेटी का शरीर दान किया था तथा अब वे अपनी दूसरी बेटी को वकील बनाकर समाज के दबे-कुचले लोगों को न्याय दिलाने का काम करना चाहती है। स्थानीय मूसापुर रोड पर रहने वाली सरोज कुमारी की बचपन से ही आंखों की रोशनी नहीं थी, लेकिन समाज के लिए नेक काम करने का जज्बा उनके दिल में शुरू से ही था।
सरोज कुमारी ने बताया कि उसके पति दारा राम रिक्शा चालक हैं। पति ने हमेशा उनके हर सामाजिक काम में साथ दिया। प्रेरित कर रहे थे पति।  पति की सपोर्ट  से अपनी बड़ी बेटी को लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से लॉ की शिक्षा दिलवा रही है। उन्होंने बताया कि शादी के उपरांत तीन बच्चियों ने जन्म लिया।  घर की आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण घर में मनोरंजन के लिए रेडियो हुआ करता था। उस दौरान रेडियो में लुधियाणा के पुर्नजोत आई अस्पताल में कार्यरत डॉ. रमेश की इंटरव्यू सुनी। उसमें डॉक्टर रमेश लोगों को मरणोपरांत अपनी आंखें दान करने के बारे प्रेरित कर रहे थे।  उसने बताया कि 9 साल पहले बेटी हरमनदीप कौर (3) बीमार हो गई। कई जगह उसका इलाज कराया, लेकिन वर्ष 2009 में उसने दम तोड़ दिया।  मन में आया क्यों न बेटी का आंखें दान कर दी जाए, ताकि किसी जरूरतमंद को रोशनी मिल जाए।

बेटियों को पढ़ाकर अपने पैरों पर खड़ा होने के काबिल बनाएं
सरोज कुमारी ने अपनी बेटी की देह डीएमसी लुधियाणा को दान कर दी। बेटी की मौत के उपरांत सरोज कुमारी ने जिंदगी में ठान लिया कि वे अन्य दो बेटियों को पढ़ाकर समाज सेवा के कार्यों में लगाएंगी। उनकी बड़ी बेटी रेखा लॉ की पढ़ाई कर रही है। छोटी बेटी अर्शदीप (8) चौथी क्लास में पढ़ती है। वह भी अपनी मां के जज्बों से काफी प्रेरित हुई है। उसने बताया कि वह बड़ी होकर ट्रेन की ड्राइवर बनना चाहती है। सरोज कुमारी ने कहा कि मां-बाप अपनी लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाकर उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए काबिल बनाएं ताकि उन्हें किसी दूसरे पर आश्रित न होना पड़े। उन्होंने कहा कि समाज में दहेज-प्रथा बंद होनी चाहिए।

सराहनीय कार्यों केे लिए दो बार मिल चुका है अवाॅर्ड
सरोज के सराहनीय कार्यों को देखते जिला प्रशासन व नेत्रदान सोसायटी फगवाड़ा उन्हें दो बार अवाॅर्ड देकर सम्मानित कर चुकी है। सरोज कुमारी अपने स्तर पर भी समाजसेवा के कार्यों में भाग लेतीं है ताकि किसी जरूरतमंद को सहायता प्रदान की जा सके। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रत्येक मां-बाप को अपनी बच्चियों को सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर की सिखलाई देनी चाहिए। 
लिंक : https://m.bhaskar.com/…/body-of-the-deceased-daughter-donat…
साभार : दैनिक भास्कर, 04 जून 2018
स्त्रोत :- श्री. जावेंद्र कुमार ध्रुव जी के फेसबुक अकाउंट से

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