पाठकों, जन संचार माध्यम आकाशवाणी और दूरदर्शन को एक लम्बे अरसे से समान रूप सेअपनी मूल्यवान सेवाएँ देनेवाली कुछ बहुआयामी प्रतिभाओं में से एक हैं बलिया (उ० प्र०) के साहित्यकार डा० भोलाप्रसाद "आग्नेय"।डा० आग्नेय की साहित्यिक रचनाओं में देश के ग्रामीण अंचलों की गौरवशाली सभ्यता -संस्कृति और सामाजिक यथार्थ प्रतिबिंबित हुआ करती हैं और सबसे सकारात्मक बात यह है कि इनमें सरकार की ओर से चल रहे प्रयासों से हो रहे बदलाव को भी भरपूर स्थान मिलता है।परिवर्तन चाहे प्राकृतिक रूप से हो रहा हो , चाहे वह केन्द्र सरकार,किन्हीं गैर सरकारी संगठन अथवा राज्य सरकारों की पहल से ।सत्तर की उम्र में भी इनके साहित्य में सामाजिक सरोकार की भरपूर ऊर्जा विद्यमान है जिससे नई पीढ़ियों के जोश और जज्बों को भी सम्बल मिलता है ।
संस्कृत के महाकवि श्रीहर्ष ने ठीक ही कहा है- "यदि कोई व्यक्ति श्रेष्ठ गुणों से सम्पन्न हो ,उसकी विद्या, बुद्धि एवं मनीषा उच्च कोटि की हो तो उसका सम्मान हर व्यक्ति को अवश्य ही करना चाहिए। यदि इस सम्बन्ध में मौन ग्रहण कर लिया जाय और उसका सम्मान न किया जाय तो इससे वांग्मय का जन्म विफल हो जाता है ।"इसी परिप्रेक्ष्य में ब्लॉग के इन पृष्ठों पर डा० आग्नेय जैसे व्यक्तित्व का भी मूल्यांकन किया जाना समीचीन होगा ।
31 मई1946 को बलिया जिले के कारों गांव में जन्मे आग्नेय जी के पिता का नाम श्री सन्तबख्श बद्रीनारायण 'संत'और इनकी माता जी का नाम श्रीमती जानकीदेवी था ।बचपन से ही मां सरस्वती की इनपर कृपा रही और इसीलिए इन्होंने एम० ए०, बी० एड०, पी० एच० डी० और डी० लिट० जैसी सर्वोच्च उपाधियाँ हासिल कीं ।हिन्दी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और भोजपुरी में समान दक्षता प्राप्त आग्नेय जी की अब तक छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और सात पुस्तकों का इन्होंने सम्पादन किया है ।प्रवक्ता के रूप में मुरलीमनोहर टाउन इंटर कालेज, बलिया में इन्होंने अपनी सेवाएँ दी हैं ।आकाशवाणी गोरखपुर, दूरदर्शन गोरखपुर, मऊ,वाराणसी और मुजफ्फरपुर केन्द्रों से ये एक लम्बी अवधि से जुड़े हुए हैं ।कोई भी प्रोजेक्ट हो ,किसी प्रकार की मदद हो ये हमेशा एक परिवार सदस्य के रूप में अपना योगदान देने के लिए तत्पर रहा करते हैं ।काव्यपाठ, कहानी, वार्ता, नाट्य आलेख, नाट्य निर्देशन एवं अभिनय, वृत्तचित्र निर्माण आदि विधाओं में इनकी सक्रिय भागीदारी रहती है ।अनेक पत्र पत्रिकाओं में स्तम्भकार भी हैं ।अभी पिछले वर्ष उ० प्र० हिन्दी संस्थान ने इन्हें "राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार "देकर सम्मानित भी किया है ।देश के विभिन्न संस्थानों ने इनकी रचनाओं पर लगभग तीन दर्जन पुरस्कार,अनुग्रह राशि तथा सम्मान-पत्र भी दिए हैं ।
इनकी साहित्यिक सेवाओं को ध्यान में रखकर बलिया की अनेक संस्थाओं के संयुक्त आयोजन में 31मई2011को इनका सार्वजनिक अभिनन्दन एक भव्य समारोह में किया गया था ।इस गौरवान्वित अवसर पर ब्लॉग लेखक भी उपस्थित था और इस अवसर पर प्रकाशित अभिनन्दन ग्रन्थ में महामहिम राष्ट्रपति,पूर्व रक्षामंत्री श्री मुलायम सिंह यादव, मंत्री श्री अम्बिका चौधरी,सांसद नीरज शेखर,साहित्यकार गण सर्वश्री डा० बच्चन पाठक सलिल, डा० चक्रधर नलिन,डा० इन्द्र दत्त पांडे,डा० आद्या प्रसाद द्विवेदी, प्रोफेसर के० पी० श्रीवास्तव, आदित्य कुमार अंशु, डा० हैदर अली खां,आकाशवाणी और दूरदर्शन के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारीगण प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी,बलश्याम मिश्र,अजय कुमार राय आदि अनेक गणमान्य लोगों ने अपनी शुभकामनाएं दीं ।
प्रसार भारती परिवार आकाशवाणी और दूरदर्शन से जुड़े ऐसे सक्रिय वरिष्ठ साहित्यकार डा० भोलाप्रसाद आग्नेय को आगामी31 मई को उनके सत्तरवें जन्मदिन पर उनकी सेवाओं की प्रशंसा करते हुए उनके सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करता है ।बलिया के सिविल लाइंस स्थित रघुनाथपुरी, टैगोर नगर स्थित अपने आवास में साहित्यिक अभिरुचि रखनेवालीअपनी जीवनसंगिनी श्रीमती आशा श्रीवास्तव के साथ आग्नेय जी अब भी साहित्य लेखन और कवि सम्मेलनों में अपनी सक्रिय भागीदारी करते रहते हैं ।उनका मोबाइल नंबर है -9451986152 और वे हर साहित्य प्रेमियों से संवाद में खुशी महसूस करते हैं ।
ब्लॉग रिपोर्ट - प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, लखनऊ मोबाइल नंबर 9839229128 email:darshgrandpa@gmail.