गणतंत्र दिवस के अवसर पर आकाशवाणी के गोरखपुर केंद्र की ओर से इस वर्ष एक नई पहल देखने को मिली। बुधवार को आकाशवाणी के अधिकारी और कर्मचारी सड़क पर उतरे और शहर के प्रमुख स्थानों पर लोगों को गणतंत्र दिवस के महत्व की जानकारी दी, साथ ही इस विषय में लोगों के विचार को भी जाना।
आकाशवाणी की ओर से लोगों से अपील की गई कि वह अपनी आजादी और गणतांत्रिक मूल्यों को समझें और उनका पालन करें।
जिन स्थानों पर यह जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया, उनमें पंत पार्क, सिटी माल, इंदिरा बाल विहार शामिल रहे। गणतंत्र दिवस पर लोगों के विचार को आकाशवाणी के कर्मचारियों ने रिकार्ड भी किया, जिसका प्रसारण गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या यानी 25 जनवरी को रात 9.16 बजे आकाशवाणी के प्राइमरी चैनल और शाम पांच बजे एफएम चैनल पर किया जाएगा।
इस अवसर पर आकाशवाणी के केंद्राध्यक्ष एके शर्मा ने उम्मीद जताई कि निश्चित रूप से आकाशवाणी की यह नई पहल लोगों को भारतीय गणतंत्र की रक्षा के लिए जागरूक करेगी। कार्यक्रम प्रमुख डा. तहसीन अब्बासी ने कहा कि गणतंत्र दिवस को लेकर जागरूकता कार्यकम आकाशवाणी की ओर से भारतीय गणतंत्र का सम्मान बनाए रखने का समर्पित प्रयास है।
जागरूकता कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिशासी डा. ब्रजेंद्र नारायण, केपी कुशवाहा, विनय कुमार, अनामिका दुबे, प्रियंका कुमारी, प्रसारण अधिशासी मनीष तिवारी, आलोक कुमार, मनोज यादव, ई. राजीव शर्मा, मृत्युंजय उपाध्याय नवल, केसी चौधरी आदि शामिल रहे।
स्टूडियो में हुआ काव्यगोष्ठी, परिसंवाद और संगीत का आयोजन
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गणतंत्र दिवस आयोजन के क्रम में आकाशवाणी गोरखपुर की ओर से स्टूडियो में जन-गण-मन तहत परिसंवाद, काव्य गोष्ठी व मुशायरा और सुगम संगीत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत परिसंवाद से की गई।
'भारतीय गणतंत्र की शक्तियां और चुनौतियां'विषय पर आयोजित परिसंवाद में साहित्यकार प्रो. अनंत मिश्र ने कहा कि देश के समक्ष आज सबसे बड़ी चुनौती समाजवादी और वैज्ञानिक सोच की है। अधिवक्ता अमिता शर्मा ने कहा कि भारतीय संविधान देश के प्रत्येक नागरिक की चिंता करने वाला है। डा. गयासुद्दीन संविधान से मिले अधिकारों और कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्र के विकास की बात सोचनी होगी।
परिसंवाद को राकेश त्रिपाठी, पारसनाथ जिज्ञासु, अशोक चौधरी आदि ने संबोधित किया। संचालन डा. ब्रजेंद्र नारायण और आभार ज्ञापन कार्यक्रम प्रमुख डा. तहसीन अब्बासी ने किया।
इसी क्रम में चंद्रभूषण उपाध्याय, रवि प्रकाश गौतम, प्रतिमा श्रीवास्तव की ओर देशभक्ति से जुड़े गीतों की सांस्कृतिक प्रस्तुति की गई। अंत में काव्य गोष्ठी और मुशायरा का आयोजन किया गया, जिसमें अरुण कुमार दत्ता, धर्मदेव सिंह आतुर, जलाल समानी, नरेश श्रीवास्तव, तारकेश्वर मिश्र राही, साकिरा अरमत, भालचंद्र त्रिपाठी, मुकेश श्रीवास्तव ने अपनी देशभक्तिपूर्ण रचनाओं से लोगों को भाव-विभोर कर दिया।
Source : झावेन्द्र कुमार ध्रुव