प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी आकाशवाणी चंडीगढ़ में हिन्दी दिवस मनाया गया। प्रत्येक वर्ष हिन्दी पखवाड़े में होने वाली हिन्दी प्रतियोगितायों में श्री जसविंदर सिंह, उच्च श्रेणी लिपिक भाग लेते आ रहे हैं और लगातार कोई न कोई पुरस्कार प्राप्त करते आ रहे हैं।
पंजाब सरकार के सिंचाई विभाग में सर्वेयर के पद से इस्तीफा दे कर आकाशवाणी में आने वाले श्री सिंह की बेशक पंजाब से संबंधित होने के कारण मातृ भाषा पंजाबी है लेकिन उन्होनें लेखन का कार्य साल 1989 से हिन्दी भाषा से ही शुरू किया था। बाद में उन्होनें पंजाबी में लिखना शुरू किया। फिर उनकी रचनाएँ पंजाबी, हिन्दी के अखबारों और पत्रिकायों में प्रकाशित होने लगीं। साल 2001 में आकर उन्होनें अपने नाम के साथ अपने पैतृक गाँव ‘काईनौर’ जोड़ लिया और जसविंदर सिंह ‘काईनौर’ के नाम से जाने जाने लगे। लगभग 15 संयुक्त पुस्तकों में उनकी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी अपनी मातृ भाषा में एक मूल पुस्तक ‘पंजाबी सभ्याचार और रीति रिवाज’ साल 2003 में प्रकाशित हो चुकी है। इस पुस्तक में उन्होनें पंजाबी संस्कृति और लोक धारा से संबंधित बहुत से पक्षों को संक्षेप रूप में पेश किया है। इस में बच्चे के जन्म से पहले ही शुरू होने वाले रीति रिवाजों से लेकर मनुष्य की मृत्यु होने के बाद भी चलने वाले रीति रिवाजों को शामिल करने के साथ साथ पंजाब के मेले और लोक विश्वासों की जानकारी भी बढ़िया दी गई है। पुस्तक का ज़्यादा संबंध शादी और उससे संबंधित लोक मनोरंजनों के पक्षों की पेशकारी से है। पंजाबी सभ्याचार के रौणकीले/मनोरंजन पक्षों को लेखक ‘काईनौर’ द्वारा बहुत ही स्वादिष्ट/मनोरंजक ढंग से पेश करने के लिए पाठकों द्वारा इस पुस्तक की काफी सराहना की गई।
श्री काईनौर द्वारा उर्दू के स्थापित लेखकों की रचनायों के पंजाबी अनुवाद भी अखबारों में प्रकाशित हो चुके हैं। आकाशवाणी दूरदर्शन के ब्लाग पर भी वह अपनी रचनाएँ भेज कर योगदान दे रहे हैं। विशेष मुलाक़ात के दौरान उन्होनें बताया कि उनका भारतीय संस्कृति (Indian Culture) के विषय पर अंग्रेजी में एक पुस्तक प्रकाशित करने का इरादा है। भगवान करे, वह अपने इस इरादे में भी सफल हों। स्वभाव के अच्छे और कम बोलने वाले श्री सिंह अपने कार्य को निभाने के लिए हमेशा समर्पित रहते हैं। कार्यालय का काम संतोषजनक करते हुए श्री सिंह अपनी लेखनी के ज़रिए अपने परिवार, गाँव के साथ साथ अपने विभाग आकाशवाणी-दूरदर्शन का नाम भी रौशन कर रहे हैं। विभिन्न संस्थायों द्वारा उनको सम्मानित किया जा चुका है। आकाशवाणी के प्रशासनिक व लेखा शाखा में 30 साल की सेवा के बाद अब वह मुख्य लिपिक/लेखाकार के पद पर पदोन्नत होने वाले हैं। हम आशा करते हैं कि हमारे प्रशासनिक सदस्य, नेक इंसान और लेखक श्री जसविंदर सिंह ‘काईनौर’ हमारे केंद्र आकाशवाणी चंडीगढ़ में ही पदोन्नत हो जाएँगे।
प्रसार भारती परिवार उनको शुभ-कामनाएँ देता है। अगर कोई भी स्टाफ सदस्य उनको शुभ-कामनाएँ देना चाहते हों तो उनके मोबाइल नंबर 9888842244 पर दे सकते हैं।
ब्लाग योगदान :- नीना बहल, सहायक निदेशक (राज भाषा) आकाशवाणी, चंडीगढ़
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