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स्वरचित कविता : प्रकाश आमले (सहायक अभियंता , आकाशवाणी अमरावती )

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समझदारी 

हम गाते रहे , वो हसते  रहे 
हम लिखते रहे , वो काटते रहे 
हम समझाते रहे , वो बहकाते रहे 
वह थक गए , काटते बहकाते 
हम नहीं थके , लिखते समझाते 
एक दिन वह , समझ गए 
लिखने लगे , हमारा नाम 
आसमान पर , हसते हुए 
समझाने लगे , लोगों को आम 
ढोल बजाकर , नाचते हुए। 

रचनाकार : प्रकाश आमले 
सहायक अभियंता  
आकाशवाणी अमरावती
ईमेल :prakash.amale1@gmail.com
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नोट :इच्छुक व्यक्ति अपनी रचनाओं को krantiblog@gmail.com पर भेज सकते हैं। साथ में अपनी तस्वीर ,नाम ,स्टेशन का नाम ,पदनाम ,मोबाइल नंबर भी भेजें।

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