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ग़ज़ल - हिंदी दिवस
अजानी भीड़ में भी , दूर से पहचान है हिंदी
हमारे देस में , परदेस में , सम्मान है हिंदी
मधुर सी बूँद है या फिर , पियाला कोई अमृत का
हमारे सांवरे की बांसुरी की तान है हिंदी
यह, तुलसी ,सूर औ'मीरा , कई अनमोल से हीरे
खज़ाना ढाई आखर का , रसों की खान है हिंदी
असंख्य तितलियों के रंग जैसी बोलियां इसकी
धरा पर बेटियों की , फूल सी मुस्कान है हिंदी
बदन पे लोच ठुमरी सा , ग़ज़ल सी खूबसूरत है
लता के गीत की मुरकी , रफ़ी की तान है हिंदी
अभी भी धड़कनो में हैं , कबीरा , जायसी , खुसरो,
हमारी एकता का , विश्व में सहगान है हिंदी
रचनाकार :राम नारायण 'मीणा'हलधर
पद :वरिष्ठ उद्घोषक
स्टेशन : आकाशवाणी कोटा (राजस्थान )
मोबाइल नंबर : 9413351749
ईमेल : rnmhaldhar@gmail.com
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