दिल हूँ हूँ करे, घबराए
घन धम धम करे, गरजाए
एक बूँद कभी पानी की
मोरे अँखियों से बरसाए!!!
घन धम धम करे, गरजाए
एक बूँद कभी पानी की
मोरे अँखियों से बरसाए!!!
08.09.2017, स्वर्गीय डॉ. भूपेन हजारिका जी का जन्मदिन था। उनको कौन नहीं जानता है। असमिया और हिंदी फिल्म संगीत के पुरोधा रहे, जिसको उन्होंने ऊंचाई तक पहुंचाया। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए दूरदर्शन गुवाहाटी द्वारा अपने स्टूडियो से उनके गीतों पर आधारित दो घंटे के एक सजीव कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। मेरा सौभाग्य कि मैं इस अवसर पर स्टूडियो में एक दर्शक के रूप में उपस्थित रहा। यह देखकर और भी सुखद अनुभूति हुई कि स्व.भूपेन दा की छोटी बहन कविता हजारिका इस मौके पर उपस्थित थीं। दूरदर्शन केंद्र, गुवाहाटी को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई।
Source : Subhash Thaledi