आपकी नियुक्ति आकाशवाणी गैंगटोक के क्षेत्रीय समाचार एकांश में 12 मई सन 1989 ई. में नेपाली समाचार वाचक एवं अनुवादक के पद पर ग्रुप “बी” राजपत्रित अधिकारी के रूप में हुई थी। आपने अपने जीवन के 28 वर्ष 3 महीना और 19 दिन आधिकारिक रूप में एक सशक्त, प्रखर, धाराप्रवाह, आकर्षक एवं परिमार्जित भाषाशैली में नेपाली समाचार वाचक के कर्तव्यों के निर्वहन में अहम भुमिका निभाई है। अगर कहना ही पड़े तो कहेंगे कि आपकी सुरिली कोकिल कंठ से निकलती सरल भाषा में नेपाली समाचार सुन रहे नियमित श्रोता मंत्रमुग्ध नहीं हो जाता हों ऐसा नेपाली समाचार जगत में कोई विरल ही होगा ।
वैसे तो आप सन 1978 ई. से ही समाचार वाचक के रूप में आकाशवाणी में प्रवेश की थीं किंतु सन 1982 ई. में आकाशवाणी गैंगटोक की स्थापना के बाद अस्थाई समाचार वाचिका के रूप में इस केन्द्र में कार्य करने लगी । आपकी बहुतसारी उपलब्धियाँ रही हैं। “ होनहार विरवान के होत चिकने पात” या यूँ कहें कि पूत के पाँव पालने में ही नजर आ जाते हैं वाली कहावत आपके ऊपर शतप्रतिशत चरितार्थ होती है। बाल्यावस्था से ही आपकी अभिरुचि नृत्य,अभिनय और नाटकों में थी। बाल कार्यक्रमों के माध्यम से रेडियो में प्रवेश; साठ के दशक में वर्षभर चलने वाले आकाशवाणी खरसांग द्वारा पन्द्र्हवर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये आयोजित “ सुन्दरी प्रतियोगिता” में “मिस खरसांग” एवं नेपाली सांस्कृतिक कार्यक्रम में पार्श्व उद्घोषणा करनेवाली “ पहली सुत्रधार” हुईं। सिक्किम में वृतचित्र निर्माण करनेवाली पहली नेपाली महिला बनी। आपके निबन्ध एवं लेख हिमालय दर्पण, समय दैनिक, हिमाली वेला, स्वर्णभुमि जैसे पत्र-पत्रिकाओं में आज भी प्रकाशित हो रहे हैं । हिन्दी कवितायें एवं लेख आदि पूर्वोत्तर , क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं ।
सन 2014 ई. में “ ब्लैक एण्ड ह्वाईट” सिक्किम में आपकी पुस्तक “ संगीतभित्रकाहरु” प्रकाशित हुई। उसके बाद 6 जनवरी सन 2015 ई. में आपको हिमालचुली ग्रुप ऑफ टूरिज्म इन्ड्स्ट्रीज , सिक्किम द्वारा “प्रथम स्व. शोभा राई बरदेबा खोजी पत्रकारिता” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आपका नाम इण्डिया बूक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी समाविष्ट हो चुका है। इस प्रकार आपने जो अनेकों उपलब्धियाँ हासिल की हैं उसे विस्तृत रूप में यहाँ इस छोटे से अभिनन्दन-पत्र में समावेश नहीं कर पा रहे हैं । श्रीमती निरौलाजी ! आप बहुमुखी प्रतीभा की धनी हैं । यह कहना अतियुक्ति नहीं होगी कि माँ सरस्वति का आपके ऊपर सदा से आशिर्वाद रहा है ।
इस बिदाई समारोह के आयोजन के इस क्षण में आपके प्रति श्रद्धाभाव,अगाध प्रेम और स्नेह अभिव्यक्त करने में हमारे लिए मर्माहत क्षण का आभास हो रहा है। कार्यालय से सम्बन्धित कार्य सम्पादन के समय जाने-अनजाने में हुई भूल या कोई अपशब्द से आपको आघात पहुँचा हो तो उसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं। अंत में , आपका यह सेवा-निवृत जीवन हर पल सुख, शान्ति एवं सदानन्द में व्यतित होता रहे तथा भविष्य में आपके व्यक्तिगत एवं पारिवारिक जीवन सुस्वस्थ्य और दीर्घायु हो यही मंगलमय कामना करते हुए शुभकामना व्यक्त करते हैं।
प्रसार भारती परिवार उनको इस निवृत्ति पश्चात जीवन के लिए हार्दिक शुभकामनाए देती है ।
अगर कोई अपने ऑफिस से निवृत्त होने वाले कर्मचारी के बारे में कोई जानकारी ब्लॉग को भेजना चाहते है तो आप जानकारी pbparivar @gmail .com पर भेज सकते है
द्वारा योगदान :- श्री. अपूर्व साहा , उपनिदेशक (अभियंत्रिकी)
द्वाराअग्रेषित :- श्री. सुरेश शर्मा
suresh.airgtk@gmail.com
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