30 जून को सेवानिवृति का दिन है, यद्यपि मैं नही चाहता था कि बन्दमुठ्ठी खुले लेकिन प्रमोद जी दीपा जी जगमोहन जी जयश्री जी, पी एस ए अध्यक्ष आर श्रीनिवासन और अन्य सदस्य मित्रों के प्यार ने मुझे तरल बना दिया। सच कहूं उन्होंने मुझे ऐसा नही बताया था जैसा चित्रों में है। मेरा लंबा कार्यकाल मारवाड़ में बीता, जहां मैं जीवन के (1983- 2011)29 वर्ष जीवन को जिया हूँ। जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर,और कुछ दिन बीकानेर आकाशवाणी में भी सेवा का अवसर मिला। मारवाड़ की अपणायत मेरे दिल मे समायी है। ...सच कहूं रेडियो कार्यक्रम निर्माण और प्रसारण का अद्भुत अनुभव रहा।
किसी का नाम लूं किसीका नही तो अन्याय होगा। जोधपुर, पाली, जालोर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर के एक एक गांव और ढाणी से मेरा जुड़ाव रहा है। असंख्य रेडियो श्रोता आकाशवाणी जोधपुर के युववाणी, नमस्कार कार्यक्रमों के माध्यम से जुड़े रहे, जहां मेरा सीधा संवाद रहा। सेवा के आरंभिक दिनों में (1978 -1980)आकाशवाणी नजीबाबाद से प्रसारित ग्राम जगत कार्यक्रम के माध्यम से गढ़वाल और कुमाऊं के श्रोताओं से अत्यंत अपनत्व मिला। सेवा के इस छोर पर राष्टीय राजधानी क्षेत्र और राष्ट्रीयस्तर पर प्रसारण व्यवस्थाओं का खूब आनंद मिला।
मैं अपने श्रोता मित्रों और शुभचिंतकों का हृदय के अंतस्थल से आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने मुझे अपना प्यार, दुलार और सत्कार दिया। असंख्य श्रोता मुझे बार बार जोधपुर आने का न्योता देते रहे लेकिन मैं पिछले पांच वर्षों में जोधपुर न जा सका। इसका ये मतलब नही की जोधपुर से प्यार कम हो गया। मारवाड़ दिल मे बैठा है। आभार। नमस्कार।
Source : Parthsarthi Thapliyal