16 मई 1948 को उस रेडियो स्टेशन का आगाज़ हुआ जो देश भर के आकशवाणी केंद्रों में एक विशेष स्थान रखता है. एक ऐसा कैपिटील स्टेशन जो सबसे पुराने केंद्रों में से एक है ..
आज़ादी के बाद बंटवारा और फिर पंजाब के हिस्से के अपने दर्द ... आकशवाणी जालंधर ने इनसे उभरने के लिए ऐसे प्रोग्राम शुरू किए जिस से कि पंजाब की खेती, आर्थिकता और सामाजिक मूल्यों को फिर से सहेजा जाए , तराशा जाए..
मैं चाहे उस दौर की गवाह ख़ुद नही हूँ लेकिन अपने सीनियर्स से सुनते आए हैं कि जालंधर स्टेशन ऐसा केंद्र रहा है जहाँ मुम्बई तक के सितारे आते रहे हैं , जिस स्टेशन को उन केंद्रों में गिना जाना चाहिए जिसे सबसे ज़्यादा राष्ट्रीय अवार्ड्स हासिल हुए हैं, जहाँ सबसे ज़्यादा स्टाफ रहा है ( और आज की तारीख तक भी ये गिनती हैरान करती है ) जहाँ का वर्क कल्चर हमेशा सराहनीय रहा है ... और जो यहाँ एक बार आ जाए उसका वापिस जाने का मन नही करता. आज जब भी दूसरे केंद्रों में जाती हूँ तो प्रोग्राम के हिसाब से , टेक्नोलॉजी के हिसाब से और माहौल के हिसाब से जालंधर स्टेशन को ही सबसे बेहतर पाती हूँ ..उसकी एक वजह है .. जितनी एडवांसमेंट होती रही हैं वो यहाँ सबसे पहले आती रही हैं .. लाइव प्रोग्राम करने में शायद ही ऐसा कोई और केंद्र हो जितना जालंधर रहा है. और जितने चैनल यहाँ से ओरिजीनेट होते हैं . इतने बहुत कम कैपिटील केंद्रों में होते हैं....
आज 69th जन्म दिन पर आकशवाणी जालन्धर को बधाई. रब्ब करे ये ऐसे ही तरक्की करता रहे और प्लेटफॉर्म देता रहे उन सभी लोगों को जिन्होंने यहाँ से अपना सफर शुरू किया और दूर दूर तक मंज़िलें हासिल की ..... शुकिया उन सभी सीनियर्स का जो आकशवाणी के जरिये हमें मिले और ऐसा ज्ञान बांटा जिस से कुछ सीख पाए .
Photos courtesy All india Radio jalandhar Archives ....
Source : Poonam Lagah