भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती आकाशवाणी कुरुक्षेत्र परिसर में बडे ही हर्षोल्लास से मनाई गई। कार्यक्रम का प्रारंभ दीपप्रज्जवलनव पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर केन्द्र अध्यक्ष संजय बाली ने कहा कि डॉ अम्बेडकर का जन्मदिन न केवल भारत में बल्किविश्वव्यापी संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी मनाया है। यह दर्शाता है कि उनकी सोच सीमित न होकर विश्व जनमानस के कल्याण के लिए थी। उन्होंनेकहा कि आज देश को उनके दिखाए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके तीन मूल मंत्र थे, शिक्षित बनो संगठित होसंघर्ष करो आज भी प्रांसगिक हैं। बिना संगठन के कोई भी बाहरी शक्ति हम पर आक्रमण कर सकती है। अगर हम संगठित रहंेगे। तो किसी की भीहमारे देश की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं होगी। वरिष्ठ अभियांत्रिकी सहायक दूरदर्शन एस एस सक्सेना ने कहा कि आज विश्व स्तर पर बाबा साहेब अम्बेडकर के जन्म दिवस को मनाया जा रहा है।इससे पता चलता है कि उन्होंने पूरे विश्व में अपने ज्ञान का लोहा मनावाया। बाबा साहेब भारत के सबसे ज्यादा पढे लिखे विद्वान थे।
आकाशवाणी के वरिष्ठ अभियांत्रिकी सहायक एस पी सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज का दिन हम सबके लिए गौरवपूर्ण दिन है। भारत मेंसमानता का साम्राज्य स्थापित करने वाले बाबा साहेब अम्बेडकर ने अपने पूरे जीवन में दुख ही दुख सहे तथा पूरी जिन्दगी संघर्ष करते हुए भारत कोविश्व स्तर पर एक नयी पहचान देकर कर गए। मंच संचालन अशोक कुमार ने किया।
इस अवसर पर आकाशवाणी प्रांगण में फलदार पौधे लगाए गए। इस अवसर पर जितेन्द्र रोहिला, रजत कुमार, अमरजीत सिंह, गुरिंदर, पिंकी, राजीव धीमान, अनिल कुमार, जगदीश, सतनाम सिंह, विनय बाली उपस्थित थे।
द्वारा सहयोग :- श्री. संजय बाली, केन्द्र अध्यक्ष sanjaybali.air@gmail.com