शनिवार को कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की जयंती पर रेडियो सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में अररिया और पूर्णिया दोनों जिलों के विद्वानों ने हिस्सा लिया। सेमिनार की शुरुआत फणीश्वरनाथ रेणु के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर की गई। सेमिनार में मुख्य अतिथि रेणु के पुत्र पराग वेणु थे। सेमिनार की अध्यक्षता आकाशवाणी केंद्र के प्रधान डॉ. प्रभात नारायण झा ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि रेडियो सेमिनार नवप्रयोग है। कहा कि रेणु जी अपने जीवन काल में आकाशवाणी से काफी लम्बे समय तक जुड़े रहे थे। लोक जीवन व लोक रंग से गहरे लगाव व जुड़ाव ने उन्हे अमर कथाशिल्पी बना दिया। सेमिनार में उपस्थित विद्वानों ने रेणु की रचनाओं पर प्रकाश डाला। कवि और रंगकर्मी देवानंद ने कहा कि उन्हे आंचलिक उपान्यासकार कहना उन्हे न्यून करके आंकना है। सेमिनार का संचालन कर रहे उमेश आदित्य ने विभिन्न आलोचकों ने अपने विचारों को रखा। रेणु के पुत्र वेणु और गौरी शंकर ¨सह ने सेमिनार अपने-अपने संस्मरण रखे। इस अवसर पर डॉ. राम नरेश भक्त, डॉ. गजाधर यादव भी अपने विचार रखे। एक घंटे के रेडियो सेमिनार को कार्यक्रम अधिशाष्ठी अनिल कुमार तिवारी ने प्रस्तुत किया।
द्वारा अग्रेषित :- श्री. झावेंद्र ध्रुव
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