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डॉ. दिग्विजय वैद्य, स्टाफ आर्टिस्ट, आकाशवाणी पुणे केंद्र से सेवानिवृत्त

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डॉ. दिग्विजय वैद्य, स्टाफ आर्टिस्ट, आकाशवाणी पुणे केंद्र से 23 साल के योगदान देने के बाद दि. 31 अक्टूबर 2016 के दिन सेवानिवृत्त हुए।

उन्होंने सरदार आबासाहेब मुजुमदार , गुरु पंडित माधवराव मोडक (पंडित विनायकराव पटवर्धन और पंडित डी. व्ही पलुस्कर के शिष्य ), डॉ. ना रा धनेश्वर (अहमदनगर ), तथा पंडित प्रल्हादबूवा जोशी , पंडित नरहरिबुवा पाटणकर, पंडित राजाभाऊ चिंचणीकर ( तीनों पंडित भास्करबुआ बखले की परम्परा चलनेवाले ) और श्रीमती पद्मजा भड़भड़े (सुश्री गिरिजादेवी की शिष्या ) से संगीत की शिक्षा प्राप्त की। आगे उन्हें पंडित छोटा गंधर्व , पंडित भीमसेन जोशी , पंडित के जी गिंडे , पंडित गजाननराव जोशी , सुरश्री केसरबाई केरकर , मोगुबाई कुर्डीकर , पंडित दिलीपकुमार रॉय और सुश्री गिरिजादेवी से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

संगीत-गायन के साथ साथ वाद्यसंगीत और नृत्यसंगीत में भी उनकी रूचि रही। कई संगीत नाटकों में उन्होंने भूमिका की इसके अलावा संगीत नाटक और संगीत नृत्यनाटक के लिए संगीत दिग्दर्शन किया। चित्र , शिल्प , नाट्य , साहित्य और फोटोग्राफी इन क्षेत्रों में उनका गहरा अध्ययन रहा। पुणे यूनिवर्सिटी से एम ए , एम फिल डिग्रीया प्राप्त हुई। मराठी लावणी और नाट्यसंगीत इस विषय पर संशोधन प्रबंध लिखा और उन्हें डॉक्टरेट प्राप्त हुइ। इसी प्रबंध को अखिल भारतीय गान्धर्व महाविद्यालय मंडल (मुम्बई ) ने पंडित विनायकराव पटवर्धन पुरस्कार से सम्मानित किया। कई समाचार पत्र और पत्रिकाओ में संगीत समीक्षात्मक लेखन किया। जिसमें दै. लोकसत्ता के लिए लिखे सुप्रसिद्ध सवाई गन्धर्व महोत्सव के वृतान्त लेखन भी शामिल है। हर रविवार दै. केसरी के लिए संगीत विषय पर लेख लिखे , यह सिलसिला एक साल तक चला।

आकाशवाणी पुणे केंद्र की सेवा में शामिल होने से पहले फर्ग्युसन कॉलेज , ललित कला केंद्र (पुणे विद्यापीठ ), एस. एन. डी. टी. कॉलेज (पोस्ट ग्रैजुएशन विभाग ) में अध्यापक के रूप में कार्यरत थे। वर्तमान में संगीताचार्य (अखिल भारतीय गान्धर्व महाविद्यालय मंडल) और पी. एच. डी. (टिळक महाराष्ट्र विद्यापीठ, पुणे ) के मान्यताप्राप्त मार्गदर्शक है। 'संगीत अखंड आस्वादमण्डल', 'कलायुर्वेद'यह क़िताबे प्रकाशित हुई है और भविष्य में संगीत विषय पर और पांच किताबे प्रकाशित होने वाली है। सोमवार दि. 31 अक्टूबर को कार्यालय में बिदाई समारोह का आयोजन किया था। सभी  अधिकारियोंने श्री. वैद्यजी के योगदान की प्रशंसा की और उनके अच्छे सेहत और संगीत के प्रति उनके कार्य के लिए शुभकामनाए दी। 

प्रसार भारती परिवार डॉ. दिग्विजय वैद्यजी को  भविष्य में खुशहाली, स्वास्थ्य एवं समृद्ध होने की कामना करता है।

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