उ० प्र० की पावन मिट्टी से जुड़ी लोक,सुगम और उप शास्त्रीय संगीत की विधाओं की आकाशवाणी-दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार मालिनी अवस्थी को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सोमवार 28 मार्च को "पद्मश्री"सम्मान से सम्मानित किया है ।मालिनी की इस उपलब्धि पर समूचा देश उन्हें बधाई दे रहा है और इतना ही नहीं गोरखपुर ,वाराणसी तथा लखनऊ के संगीत प्रेमियों में तो इस समाचार को लेकर विशेष उल्लास है जहां से उन्होंने अपनी संगीत-यात्रा के अनेक पड़ाव तय किये हैं ।उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा आकाशवाणी गोरखपुर के संगीत संयोजक , देश के विख्यात गायक उस्ताद राहत अली खां से ली थी ।आगे चलकर उन्होंने वाराणसी में रहकर विदुषी गिरिजा देवी से उप शास्त्रीय संगीत की विशेष शिक्षा ली ।टीवी के प्राइवेट चैनलों के माध्यम से लोकसंगीत ख़ासतौर से संस्कार और लोक जीवन में रचे बसे गीतों को सामने लाकर उनकी लोकप्रियता को उच्चतम स्तर पर ले जाने वाले कलाकारों में इनकी गिनती की जाती है ।
पुरस्कार पाने के बाद मालिनी अवस्थी ने अपनी प्रतिक्रिया इन शब्दों में व्यक्त की है - "अपने देश की जागृत वाचिक परम्परा को नमन ।गंगा और गोमती की सुरीली माटी को नमन, मां-पिताजी जिन्होंने इस पगडंडी पर चलना सिखाया उन्हें नमन ।गुरुजनों को नमन, देश के सभी परम्परा साधक लोक कलाकारों को नमन...."।
ब्लॉग लेखक मालिनी की शुरुआती संगीत यात्रा, आकाशवाणी गोरखपुर के युववाणी कार्यक्रम में संगीत प्रस्तुत करने में और आगे चलकर आकाशवाणी लखनऊ में भी संगीत कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता का गवाह रहा है और उसने पाया है कि एक अच्छे कलाकार के सारे गुण उनमें शुरू से ही विद्यमान रहे हैं ।सबको यथोचित आदर सम्मान देते हुए वे संगीत की दुनिया में हर सीनियर्स का आशीर्वाद बटोरने में पारंगत रही हैं ।प्रसार भारती परिवार मालिनी को उनकी इस उपलब्धियों पर बधाई देते हुए आगे और भी उपलब्धियां हासिल करते रहने की शुभकामनाएं व्यक्त कर रहा है ।
ब्लॉग रिपोर्ट-प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, लखनऊ: मोबाइल नंबर 9839229128