एक ज़माना था कि रेडियो सेट से गूंजती देवकीनंदन पांडे की आवाज़ भारत के जन जन को सम्मोहित कर लेती थी. अपने जीवनकाल में ही लेजेंड बन गए देवकीनंदन पांडे के समाचार पढ़ने का अंदाज़, उच्चारण की शुद्धता, झन्नाटेदार रोबीली आवाज़ किसी भी श्रोता को रोमांचित कर देने के लिए काफ़ी थी. देवकीनंदन पांडे को साथ काम कर चुके मशहूर पत्रकार उमेश जोशी याद करते हैं, “पौने नौ बजे का बुलेटिन जैसे ही शुरू होता था. बस एक ही आवाज़ सुनाई देती थी. ये आकाशवाणी है. अब आप देवकीनंदन पांडे से समाचार सुनिए. बहुत भारी भरकम और बहुत कर्णप्रिय आवाज़. जितने भी बड़े अवसर थे चाहे ख़ुशी का अवसर हो या ग़म का अवसर हो, देवकीनंदन पांडे समाचार पढ़ते थे.” जोशी आगे कहते हैं, “जवाहरलाल नेहरू और जयप्रकाश नारायण के निधन का समाचार उन्होंने ही पढ़े. संजय गाँधी के आकस्मिक निधन का समाचार वाचन करने के लिए रिटायर हो चुके देवकीनंदन पांडे को ख़ास तौर से दिल्ली स्टेशन पर बुलवाया गया. जितने भी बड़े अवसर होते थे, उन्हें ख़ास तौर से समाचार पढ़ने बुलाया जाता था, चाहे उनकी ड्यूटी हो या न हो. सब को पता था कि ये देश की आवाज़ है. पांडेजी कह रहे हैं तो इसका मतलब पूरा देश कह रहा है.”
Source and Credit :- http://www.bbc.com/hindi/india/2016/08/160828_devki_nandan_pandey_vivechana_pk?ocid=socialflow_twitter and https://www.youtube.com/watch?v=bo2MflR7gug Forwarded by :- Shri. Jainendra Nigam PB News Desk prasarbharati.newsdesk@gmail.com